अपराधियों से निपटने के लिए रात में बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर ड्यूटी करेगी पुलिस

अपराधियों से निपटने के लिए रात में बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर ड्यूटी करेगी पुलिस


नई दिल्ली / रात में अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस एक खास रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत रात में बैरिकेडिंग या पीकेट पर तैनात रहने वाले जवान बुलेट प्रूफ जैकेट पहन ड्यूटी करते नजर आएंगे। अभी पुलिस के पास तकरीबन चार हजार बुलेट प्रूफ जैकेट्स हैं, लेकिन पुलिस का लक्ष्य इसकी संख्या में इजाफा करना है। बकायदा, इसके लिए पुलिस की एक ओर से एक प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया है, जिसकी अप्रूवल मिलते ही लगभग छह हजार बुलेट प्रूफ जैकेट ली जाएगी। यह प्रक्रिया इस साल पूरी होने की उम्मीद जताईगई है। वैसे अभी तक पुलिस किसी खास ऑपरेशन या बदमाशों को पकड़ने जाने के दौरान बुलेट प्रूफ जैकेट को पहनती है, पिछले कुछ साल से अपराधी लगातार पुलिस को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे, जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया। दिल्ली पुलिस में प्रोविशनिंग एंड लॉजिस्टिक्स विभाग के एक अधिकारी ने कहा वर्तमान में विभिन्न यूनिटों के पास तकरीबन चार हजार बुलेट प्रूफ जैकेट्स हैं। कुछ साल पहले तक इनकी संख्या केवल सैकड़ों में ही थी।


कई बार रात में बदमाश पुलिस के ऊपर फायरिंग करने से भी नहीं चूके, जिस वजह से उनकी सुरक्षा काे ध्यान में रख इनकी संख्या को बढाने का निर्णय लिया गया। पुलिस की ओर बुलेट प्रूफ जैकेट को लेकर एक प्रस्ताव गृह मंत्रालय के पास भेजा गया है, जिसकी अनुमति मिलते ही चालू  वर्ष में कुछ महीनों के भीतर ही करीब छह हजार बुलेट प्रूफ जैकेट जवानों के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। करीब नब्बे हजार पुलिस कर्मियों की फोर्स के पास दस हजार बुलेट प्रूफ जैकेट मौजूद हों, पुलिस का यही पहला लक्ष्य है। इस अधिकारी ने संवेदनशील मामला होने की बात कह ज्यादा बात नहीं की। 


पुलिस का दावा: दस हजार बुलेट प्रूफ जैकेट का रखा है लक्ष्य, इस आंकड़े को छूने के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज रखा है प्रस्ताव पुलिस सूत्रों का कहना है अमूमन बुलेट प्रूफ जैकेट का वजन दस ग्यारह किलो होता है। किसी ऑपरेशन में ही पुलिस इस जैकेट को पहनती है। कई पुलिस वजन की वजह से जैकेट पहनने के बजाए जोखिम उठाते हैं। इसे देखते हुए पुलिस अब ऐसी जैकेट तैयार करवागी जिसका वजन पांच किलो से भी कम हो, ताकि वे पहनने में कंफर्टेबल हो। ज़रूरत पड़ने पर उसे जवान दिन में ही पहनकर रख सकें। बुलेट प्रूफ जैकेट अपराधियों की गोलियां, आग और घातक हथियारों से बचाने में कारगर साबित होती हैं। ये जैकेट के राइफल्स, एमपी 5, कार्बाइन आदि से भी पुलिस की सुरक्षा करेगीं। बता दें कि एक जैकेट की कीमत ही करीब पचास से साठ हजार के बीच होती है। 


कई जवान अपनी जान भी गंवा चुके
गौरतलब है बुलेट पूफ्र जैकेट के अभाव में कई जवान अपनी जान भी गंवा चुके। इनमें बाटला हाऊस एनकाउंटर में मारे गए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा का काफी चर्चित है, जो हाईटेक मशीनरी के अभाव में आतंकियों की गोली का शिकार हो गए थे।


आरटीआई में दिल्ली पुलिस के कई जिलों ने कम जैकेट होने की जानकारी दी


 इस सबके बीच बेशक पुलिस अधिकारी वर्तमान में महकमे के पास लगभग चार हजार बुलेट प्रूफ जैकेट होने का दावा कर रहे हैं, वहीं एक आरटीआई में दिल्ली पुलिस के कई जिलों ने बेहद कम जैकेट होने की जानकारी दी है। जैसे शाहदरा जिला में 46, पश्चिम जिले में 48, बाहरी जिले में 19, पूर्वी जिले में 64, द्वारका में 34, उतर पश्चिम जिले में 37, रोहिणी जिले में 8, दक्षिण पश्चिम जिले में 28, दक्षिण पूर्वी जिले में 100 बुलेट प्रूफ जैकेट हैं। पुलिस महकमे से यह सवाल पिछले साल दिसम्बर माह में आरटीआई एक्टिविस्ट जीशान हैदर ने पूछे थे, जिसका जवाब पुलिस की ओर से इस साल जनवरी तक दिया गया। कई जिले की पुलिस ने सीक्रेट इंफॉरमेशन या संवेदनशील सूचना होने की बात कह जानकारी नहीं दी। खासबात ये है केवल साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक में ही 44 बुलेट प्रूफ हेलमेट मौजूद हैं, बाकी अन्य सभी जिलों ने इस जानकारी को शून्य बताया है।


जानिए किस तरह की होती है जैकेट
क्राइम ब्रांच में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया बुलेट प्रूफ जैकेट मैटल की बनी होती है। इस पर गोली असर नहीं कर पाती। प्लेट से टकराते ही गोली की रफ्तार कम हो जाती है और वह छोटे छोटे टुकडों में बिखर जाती है। जिस वजह से गोलियों की भेदने की क्षमता कम हो जाती है और उसे पहने इंसान के शरीर से संपर्क नहीं हो पाता है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी ने कहा दंगे के दौरान जो पुलिसकर्मी सुरक्षा के मद्देनजर जैकेट पहनते हैं वे दूसरे किस्म की होती हैं, उनमें फॉर्म भरी होती है जो पथराव से बचाव करती है। जबकि बुलेट प्रूफ जैकेट गोली से बचाती है। केवल पुलिस और सेना के जवान ही नहीं बल्कि दुश्मनों और आंतकियों से बचने के लिए बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी इसका इस्तेमाल करती हैं।