प्रदेश में धान खरीदी की मियाद खत्म; बारदानों की कमी पर गरमाई सियासत, भाजपा ने खोला मोर्चा, कांग्रेस ने कहा- सब प्रायोजित है

प्रदेश में धान खरीदी की मियाद खत्म; बारदानों की कमी पर गरमाई सियासत, भाजपा ने खोला मोर्चा, कांग्रेस ने कहा- सब प्रायोजित है


रायपुर / प्रदेश में धान खरीदी की मियाद गुरुवार को खत्म हो गई है। इस दौरान केंद्राें में बारदानों की कमी पर सियासत गरमा गई है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने किसानों के प्रदर्शन को भाजपा प्रायोजित बताया तो वहीं भाजपा नेताआें ने राज्यपाल से मिलकर किसानों पर हुए लाठीचार्ज और पूरी खरीदी पर श्वेतपत्र जारी करने की भी मांग की है। वहीं खरीदी के आखिरी दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। गुरुवार को कृषि मंत्री के गृह जिला बेमेतरा और कोंडागांव समेत कई जगहों पर किसानों ने प्रदर्शन किया। दरअसल धान नहीं बेच पाने आैर बारदानों की किल्लत को लेकर किसान नाराज हैं। कवर्धा में किसानों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव कर दिया, वहीं कोरिया में लापरवाही बरतने वाले तीन अफसरों को निलंबित कर दिया गया। दरअसल राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक दिसंबर से शुरू हुई धान खरीदी 20 फरवरी को समाप्त हो गई। 


सरकार ने 83 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी


इस दौरान प्रदेश सरकार ने लगभग 83 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी की है। लेकिन अब सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या धान के भंडारण को लेकर है, क्योंकि एक तो धान के भंडारण के लिए 
लगभग 8 लाख बारदानों की जरूरत बताई जा रही है। इसे पूरा करने के लिए सरकार ने दूसरे जिलों से बारदानों की व्यवस्था करने का दावा किया है।


इन जिलाें में भेजे जाएंगे बारदाने


खाद्य विभाग के अफसरों के मुताबिक प्रदेश के 12 जिलों में धान खरीदी के लिए 8 लाख 16 हजार बारदाना उपलब्ध कराया गया है।  गरियाबंद, बलौदाबाजार, दुर्ग, कोरबा और रायपुर जिलों में उपलब्ध 8.16 लाख बारदानाें को राज्य के 12 जिलों में भेजा जा रहा है।


प्रदेश में बना धान खरीदी का रिकॉर्ड किसानों को मिले 14500 करोड़
राज्य गठन के 19 साल बाद छत्तीसगढ़ में इस साल सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड बना है। गुरुवार को अंतिम दिन शाम तक लगभग 83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। खरीदे गए धान का 14500 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में किया जा चुका है।  इस साल लगभग दो लाख 50 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचा है। राज्य में 85 लाख मीट्रिक टन का अनुमान लगाया गया है। इस साल प्रदेश की समितियों में किसानों को चौथा टोकन भी जारी किया गया है और चौथा टोकन पर 3.5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। पिछले वर्ष 2018-19 में कुल 15 लाख 71 हजार किसानों ने धान बेचा था, जबकि इस साल अब तक 18 लाख 45 हजार किसानों से धान खरीदी की गई है।


लाठीचार्ज की स्थिति नहीं
किसानों का प्रदर्शन प्रायोजित है। जहां-जहां बारदाने की कमी थी वहां बारदाना पहुंचाने के निर्देश दिए थे। जिनका टोकन कट चुका है और पंजीयन हो चुका है, उनका धान खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में कहीं भी लाठीचार्ज की स्थिति नहीं है। -रविंद्र चौबे, कृषि मंत्री


22 को प्रदर्शन करेगी भाजपा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। किसानों को जबरदस्ती सहमति पत्र पर दस्तक कराया जा रहा है। अभी भी 20 लाख मीट्रिक टन धान किसानों के पास बाकी है। भाजपा 22 फरवरी को प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन करने जा रही है। -डॉ.रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री