सिगरेट-बीड़ी पीने व तंबाकू खाने की कानूनी उम्र 21 वर्ष, 1 हजार जुर्माना भी

सिगरेट-बीड़ी पीने व तंबाकू खाने की कानूनी उम्र 21 वर्ष, 1 हजार जुर्माना भी


नई दिल्ली / देश में जल्द ही बीड़ी-सिगरेट पीने और तंबाकू उत्पादों के सेवन की कानूनी उम्र को 18 वर्ष से बढ़ा कर 21 वर्ष कर दिया जाएगा। इसके नियम-कानून तोड़ने पर जुर्माने की राशि भी 200 से बढ़ाकर 1200 रुपए या 2000 रुपए करने का निर्णय लिया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक समिति ने इस संबंध में अपनी सिफारिश मंत्रालय को सौंप दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन सिफारिशों को जल्द लागू किया जाएगा और सिफारिशों के अनुसार सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) में बदलाव किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक इस संबंध में कानून लागू होने के बाद न सिर्फ सेवन बल्कि 21 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तंबाकू उत्पाद बेचना भी अपराध होगा।


माता-पिता या घर के बड़े भी 21 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू उत्पाद लाने के लिए बाजार भी नहीं भेज सकेंगे, इसे भी अपराध माना जाएगा। मंत्रालय का मानना है कि 21 वर्ष तक की उम्र तक तंबाकू उत्पादन के सेवन से रोक लिया गया तो देश में तंबाकू उत्पादों के सेवन करने वालों की संख्या में जबरदस्त कमी आएगी।  वर्तमान में सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (कोटपा) के उल्लंघन पर 200 रु. जुर्माने का प्रावधान है जिसे बढ़ा कर 1200 या 2000 रु. किया जा सकता है। इससे दुकानों में लगे हजारों बोर्ड में केवल 200 के पहले या तो 1 लगाना होगा या 200 के बाद 0 लगाना होगा। देश में पहली बार तंबाकू उत्पादों की असली-नकली की पहचान के लिए पैकेट पर बार कोड लगाया जा सकता है। इससे देश में न सिर्फ तंबाकू उत्पादों की गुणवत्ता पर नियंत्रण किया जा सकेगा।  बल्कि अवैध कारोबार पर भी अंकुश लग सकेगा।


तंबाकू के कारण हर साल 10 लाख की माैत  
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2 के अनुसार देश में 28.6% लोग जिसमें 42% पुरुष और 14.2% महिला किसी न किसी तरह (धुंआ या धुंआ रहित) के तंबाकू उत्पादों का सेवन करती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में हर वर्ष तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों की वजह से करीब 10 लाख लोगों की मौत हो जाती है।