सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 5 एकड़ जमीन स्वीकार की; मस्जिद के साथ अस्पताल, लाइब्रेरी और इंडो-इस्लामिक सेंटर बनेगा

सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 5 एकड़ जमीन स्वीकार की; मस्जिद के साथ अस्पताल, लाइब्रेरी और इंडो-इस्लामिक सेंटर बनेगा


लखनऊ / उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करेगा। ट्रस्ट का नाम और उसके सदस्यों की संख्या का ऐलान नहीं किया गया है। सोमवार को लखनऊ में हुई बैठक में सरकार द्वारा दी गई जमीन स्वीकार कर ली गई। अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मिली इस जमीन पर मस्जिद के साथ अस्पताल और पब्लिक लाइब्रेरी भी बनेगी।  


बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने कहा कि जल्द ही एक ट्रस्ट बनेगा। ट्रस्ट मस्जिद निर्माण के साथ एक ऐसा केंद्र स्थापित करेगा जो कई सदियों की इंडो इस्लामिक सभ्यता को प्रदर्शित करेगा। साथ ही भारतीय और इस्लामिक सभ्यता के अनुसंधान और अध्यन के लिए एक केंद्र की भी स्थापना की जाएगी। इसके अलावा एक चैरिटेबल अस्पताल, पब्लिक लाइब्रेरी व समाज के हर वर्ग की उपयोगिता की अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। ट्रस्ट और उसके पदाधिकारियों की घोषणा ट्रस्ट के गठन के बाद की जाएगी। 


ट्रस्ट में कुल सात सदस्य हो सकते हैं


बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि ट्रस्ट में मस्जिद मामले में मध्यस्थता करने वाले लोगों के अलावा सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। ट्रस्ट में कुल सात सदस्यों के शामिल किए जाने की संभावना है। चर्चा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष ही इस ट्रस्ट का पदेन अध्यक्ष होगा। 


यूपी सरकार ने जमीन दी थी
राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पांच फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया था। उसी दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन अयोध्या के धन्नीपुर गांव में सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी थी।


दो सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया 
बैठक के लिए आठ सदस्यो को आमंत्रित किया गया था। लेकिन दो सदस्य अब्दुल रज्जाक खान व इमरान माबूद ने बैठक का बहिष्कार किया। चेयरमैन फारूकी के अलावा बैठक में अदनान फरूक शाह, जुनैद सिद्दीकी, सैयद अहमद अली, अबरार अहमद, जुनीद अहमद शामिल हुए। अब्दुल रज्जाक खान और इमरान माबूद ने जमीन लेने के निर्णय का पूर्व में विरोध किया था।