टेढ़ी चलती है सिग्नेचर ब्रिज की लिफ्ट, इसलिए श्रम विभाग ने नहीं दी अनुमति
नई दिल्ली / यमुना पर बने सिग्नेचर ब्रिज के 154 मीटर ऊपर व्यू गैलरी से दिल्ली दर्शन करने की सुविधा कानूनी अड़चन में फंस गई है। ब्रिज पर व्यू गैलरी तक ले जाने वाली चारों लिफ्ट के टेढ़े चलने से उसको श्रम विभाग के इलेक्ट्रिकल ब्रांच ने अनुमति जारी करने से इंकार कर दिया है। दरअसल, एलिवेटर एंड लिफ्ट एक्ट के नियमों के अनुसार लिफ्ट वर्टिकल अप एंड डाउन चलने का प्रावधान है। सिग्नेचर ब्रिज की लिफ्ट कानूनी प्रावधान में कवर नहीं होना है। दिल्ली में लिफ्ट चलाने के लिए श्रम विभाग का इलेक्ट्रिकल ब्रांच अनुमति जारी करता है। अब इस मामले में दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (डीटीटीडीसी) के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
वहीं, श्रम विभाग के इलेक्ट्रिकल ब्रांच के अधिकारियों का कहना है उन्होंने कानून के प्रावधानों के साथ संबंधित विभाग को जानकारी उपलब्ध करा दी है। सिग्नेचर ब्रिज में व्यू गैलरी तक ले जाने में चार लिफ्ट लगाई गई है। इन लिफ्ट के संचालन की अनुमति जारी करने के लिए डीटीटीडीसी ने श्रम विभाग के इलेक्ट्रिकल ब्रांच में आवेदन किया था। इसके साथ ही लिफ्ट की डिजाइन की ड्राइंग भी सबमिट की थी। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की एलिवेटर एंड लिफ्ट कानून के प्रावधानों के अनुसार सिग्नेचर ब्रिज में लगी लिफ्ट न एलिवेटर के प्रावधानों में कवर हो रही है ना ही लिफ्ट में। इसमें दो लिफ्ट 60 डिग्री और दो 80 डिग्री पर चलने की तकनीकी पर स्थापित हुई है। जबकि कानून के प्रावधानों के अनुसार लिफ्ट वर्टिकल अप एंड डाउन ही चल सकती है। देश में पहली बार सिग्नेचर ब्रिज में नई डिजाइन की लिफ्ट की है।
सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन नवंबर, 2018 में किया था
सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन नवंबर, 2018 में किया गया था और व्यू गैलरी को दिसंबर, 2018 तक शुरू करने की बात कही गई थी। इसके बाद तारीख फरवरी, 2019 और फिर जून, 2019 की गई। इसके बाद सितंबर 2019 को व्यू गैलरी जनता के लिए खोलने का ऐलान किया था। फिर दिसंबर 2019 खोलने की समय-सीमा बढ़ाई गई। इसके बाद लिफ्ट को लेकर मामला फंसने के बाद तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई।
1518 करोड़ में तैयार हुआ है सिग्नेचर ब्रिज
सिग्नेचर ब्रिज बनने में लगे थे 14 साल के सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण 2004 में शुरू हुआ था। इसे 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पूरा होना था। शुरुआत में 464 करोड़ बजट तय किया था, लेकिन कुछ बदलाव के बाद योजना की लागत 2007 में दिल्ली सरकार ने 1100 करोड़ रु. कर दी थी। राशि अब बढ़कर 1518.37 करोड़ पहुंच गई। ब्रिज 700 मीटर लंबा है। इसमें दोनों ओर 4-4 लेन हैं। यह 35.2 मी. चौड़ा है।
व्यू गैलरी की क्षमता 60 व्यक्ति की
154 मीटर ऊंचाई पर है व्यू गैलरी सिग्नेचर ब्रिज के ऊपर 154 मीटर की ऊंचाई पर दिल्ली दर्शन को कांच से कवर्ड व्यू गैलरी तैयार की गई है। इसकी क्षमता 60 व्यक्ति की है। यहां तक पहुंचाने के लिए 4 लिफ्ट ब्रिज में लगाई गई है। ब्रिज के ऊपर से क्रेन और अस्थाई प्लेटफार्म को नीचे उतारने के लिए दो बार वाहन चालकों के लिए बंद किया गया।
लिफ्ट एक्ट में कवर नहीं हो रही
सिग्नेचर ब्रिज की लिफ्ट हमारे एक्ट में कवर नहीं हो रही। ऐसे में परमिशन का सवाल ही नहीं उठता। इस संबंध में उनको पत्र भी इश्यू किया गया है। - मुकेश गुप्ता, डिप्टी इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर,श्रम विभाग दिल्ली।
जानकारी लेकर ही कुछ बता पाउंगा
प्राइवेट ऑपरेटर लिफ्ट लगा रहे हैं। अभी उन्होंने हैंड ओवर नहीं की है। परमिशन के लिए उन्होंने आवेदन किया होगा। अभी मेरी जानकारी में नहीं है। मैं इंजीनियरिंग विंग से जानकारी ले कर ही कुछ कह पाउंगा। - संजय गोयल, एमडी एंड सीईओ,डीटीटीडीसी