विधानसभा सत्र के पहले दिन केजरीवाल समेत सभी विधायकों ने सदस्यता की शपथ ली, सौरभ भारद्वाज ने शपथ के बाद कहा- जय हनुमान

विधानसभा सत्र के पहले दिन केजरीवाल समेत सभी विधायकों ने सदस्यता की शपथ ली, सौरभ भारद्वाज ने शपथ के बाद कहा- जय हनुमान


नई दिल्ली / दिल्ली की सातवीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया, जो 3 दिन तक चलेगा। पहले दिन प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए गए आम आदमी पार्टी के विधायक शोएब इकबाल ने सभी 70 विधायकों को शपथ दिलाई। सबसे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईश्वर के नाम पर शपथ ली। इसके बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, गोपाल राय ने शपथ ग्रहण की। बुराड़ी से आप विधायक संजीव झा,  किराड़ी से रितु राज झा ने मैथिली भाषा में शपथ ली। संजीव झा ने पारंपरिक परिधान में पहुंचे थे। ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने बजरंग बली के नाम पर शपथ ली। उन्होंने शपथ लेने के बाद जय हनुमान भी कहा। 


सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल विधानसभा को संबोधित कर नई सरकार की योजनाओं को पेश करेंगे। सत्र के आखिरी दिन 26 फरवरी को उपराज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा। 


रामवीर सिंह बिधूड़ी नेता प्रतिपक्ष होंगे


भाजपा विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। बिधूड़ी चार बार के अनुभवी विधायक हैं। वह चारों बार बदरपुर विधानसभा से चुने गए। वह जनता दल, राकांपा के बाद भाजपा से चुनाव लड़कर चुनाव जीते। बिधूड़ी को सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष चुना गया। सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की मौजूदगी में राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने बिधूड़ी के नाम की घोषणा की थी।


आप के गोयल दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष बने


राम निवास गोयल को दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गोयल के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह अच्छी बात है कि गोयल को सर्वसम्मति से सदन के सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों द्वारा चुना गया। गोयल शाहदरा से विधायक हैं।


आप ने 62, भाजपा ने 8 और कांग्रेस के हाथ खाली रहे


आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। दिल्ली विधानसभ चुनाव के 11 फरवरी को आए नतीजों में आप ने 70 में 62 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया। 8 सीटों पर भाजपा को जीत मिली। कांग्रेस लगातार दूसरे विधानसभा चुनाव में खाता तक नहीं खोल सकी।